Sunday, 24 November 2013

Life Insurance

life insurance
जीवन बीमा पालिसी पर दावा किए जाने का पल प्राय: काफी संवेदनशील होता है। ऐसे वक्त किसी भी व्यक्ति की आखिरी चिंता यही होती है कि दावा राशि के भुगतान में देरी न हो और वह जल्द से प्राप्त हो जाए। जीवन बीमा में तीन प्रकार के दावे होते हैं। ये हैं मृत्यु पर किया जाने वाला दावा, परिपक्वता पर किया जाने वाला दावा तथा दुर्भाग्यपूर्ण (राइडर्स) स्थिति में दावा।

मृत्यु की स्थिति में किए जाने वाले दावे जाहिर तौर पर सबसे गंभीर समय में किए जाते हैं। अन्य दावे आपकी पालिसी की परिपक्वता की स्थिति में या फिर राइडर्स के मामले में दुर्भाग्यपूर्ण घटना के दौरान उत्पन्न हो सकते हैं।

देरी से बचने के तरीके
जीवन बीमा पालिसी के दो चरण होते हैं एक क्रय चरण तथा दूसरा दावे का चरण। इनमें से किसी भी चरण में ब्योरे में दर्ज कोई भी विसंगति दावा निपटान में देरी की परिस्थितियां पैदा कर सकती है। हालांकि इसे रोके जाने के कई तरीके हैं। नीचे कुछ सबसे प्रभावी तरीके दिए गए हैं जिन्हें अपनाकर आप अपने दावे के निपटान में देरी से बच सकते हैं।

पूरी जानकारी साझा करें
दावे के निपटाने में देरी के सबसे सामान्य कारणों में से एक है-गलत या अधूरी जानकारी साझा करना। यह एक बाधा हो सकती है। दोनों ही स्थितियां न केवल बीमा कंपनी के देरी से संपर्क का कारण बन सकती हैं, बल्कि कई बार बीमा कंपनी के संपर्क को पूरी तरह सीमित कर सकती हैं। अपना डाक का पता, कांटैक्ट नंबर या संपर्क संबंधी कोई भी अन्य ब्योरा भी निपटान प्रक्रिया में बाधा डाल सकता है। इसलिए ऐसे मामलों में यह उचित है कि अपनी बीमा कंपनी से पालिसी बांड प्राप्त करने पर आप दस्तावेज पर उपलब्ध कराए गए समस्त ब्योरे की सत्यता की जांच करें और सुनिश्चित करें कि वह एकदम सही है।

जानकारी छिपाने से बचें
प्रस्ताव पत्र गलत या अधूरी जानकारी देने के अलावा सूचना छिपाना भी दावों के निपटान में देरी का एक आम कारण है। प्रस्ताव के स्तर पर ही आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए आपने स्वास्थ्य की स्थिति, पेशा, आदतों, शारीरिक विकलांगता, अन्य बीमा पालिसी का विवरण तथा ऐसे ही दूसरे कई ब्योरों को प्रपत्र में स्पष्ट रूप से दर्ज किया गया है। ब्यौरों की स्पष्टता दावे के स्तर पर संघर्ष की संभावना को कम करती है।

किसी को नामित अवश्य करें
अपना प्रस्ताव प्रपत्र भरते समय अपनी पालिसी के लिए किसी व्यक्ति को नामित भी अवश्य करें। अपने परिवार के सदस्यों को उक्त पालिसी के बारे में जानकारी देना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। इससे उन्हें जब भी आवश्यक होगा, त्वरित दावा करने में सहूलियत होगी। ऐसे मामलों में जिनमें नामित व्यक्ति का पालिसीधारक से पहले निधन हो गया हो, बीमा कंपनी को इस बारे में अवगत कराकर उसकी जगह नए व्यक्ति को नामित करा दिया जाना भी जरूरी है।

प्रामाणिक दस्तावेज दें
दावों का समय पर निपटान सुनिश्चित करने के लिए यह भी महत्वपूर्ण है कि प्रस्तुत किए गए सभी दस्तावेज प्रामाणिक हों। किसी भी गलत या फर्जी दस्तावेज का पता लगने पर बीमा कंपनी दावे को अस्वीकृत कर सकती है। गंभीर बीमारी लाभ जैसे कुछ लाभों के आकलन के लिए बीमा कंपनियों को प्रबंधन की रिपोर्ट,
अस्पताल में इलाज के नोट्स आदि की आवश्यकता होती है। अस्पतालों को भी बीमा कंपनी के साथ इन दस्तावेजों को साझा करने के लिए प्राधिकार की जरूरत होती है। इसलिए दावा दाखिल करते समय दावेदार यह प्राधिकार उपलब्ध कराए। इससे दावे को तेजी से प्रोसेस करने के लिए अस्पताल से दस्तावेज प्राप्त करने में बीमा कंपनी को सहूलियत होगी।

No comments:

Post a Comment