Sunday, 24 November 2013

Market meter: results will make Impact

investment
आने वाला सप्ताह बाजार के लिए कंसोलिडेशन का रहेगा। उम्मीद की जा रही है कि बाजार में ऐसी स्थितियां बनेंगी जिनसे निचले स्तर पर खरीदारी की संभावनाएं बनेंगी। चूंकि इस सप्ताह गुरुवार को वायदा सौदों की एक्सपायरी है लिहाजा तब तक बाजार में तेज उतार-चढ़ाव बने रहने की उम्मीद है। घरेलू शेयर बाजारों पर अभी विदेशी संस्थागत निवेशकों और वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं और बाजारों से मिलने वाले समाचारों का असर बना रहेगा। कंपनियों के नतीजे भी बाजार पर असर डालेंगे। इस बार पिछली छह तिमाहियों की तुलना में पहली बार ऐसा हुआ है जब बीएसई सेंसेक्स में शामिल कंपनियों की आमदनी में 9.3 फीसद का इजाफा दर्ज किया गया है।

पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव अब अपने आखिरी दौर की तरफ बढ़ रहे हैं। छत्तीसगढ़ में चुनाव की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। मध्य प्रदेश और मिजोरम में आज मतदान होना है। अब राजस्थान और दिल्ली में मतदान बाकी है। बाजार इन चुनावों से लोकसभा चुनावों के संकेत लेगा लिहाजा अगले महीने आने वाले नतीजों तक बाजार पर इसका असर दिखता रहेगा। आगामी शुक्रवार को दूसरी तिमाही के जीडीपी के आंकड़े जारी होंगे। सेवा क्षेत्र की रफ्तार धीमी रहने के चलते अर्थव्यवस्था की विकास दर 4.5 फीसद के आसपास सिमटने की उम्मीद है। बिजली क्षेत्र में इधर कुछ हलचल दिख रही है। केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने छह बिजली परियोजनाओं को जल्द मंजूरी दिलाने की मांग की है जिनमें 390 अरब रुपये का निवेश होना है। इन परियोजनाओं को मंजूरी मिलने संबंधी फैसले विकास के लिहाज से बाजार पर सकारात्मक असर डालेंगे। अंतरराष्ट्रीय बाजार में आइएफसी के रुपया बांड का इश्यू दो गुना ज्यादा सबस्क्राइब हुआ है। इससे देश में डालर का प्रवाह बढ़ने की संभावना रुपये की विनिमय दर को प्रभावित करेगी। केयर्न इंडिया 26 नवंबर को शेयर बायबैक के मुद्दे पर विचार करेगी। ऐसा होता है तो कंपनी अपने 3.2 अरब डालर के नकद रिजर्व का बेहतरी से इस्तेमाल कर सकेगी। कंपनी अपने इस नकद रिजर्व पर दस फीसद की दर से रिटर्न पा रही है।

चीनी कंपनियों के शेयरों में भी बाजार में हलचल है। माना जा रहा है कि सरकार इस हफ्ते चीनी मिलों की समस्या का समाधान कर लेगी। निवेशकों को अमेरिका से आने वाले अर्थव्यवस्था के आंकड़ों पर भी नजर रखनी चाहिए। जल्दी ही अमेरिकी केंद्रीय बैंक बांड खरीद का स्तर घटा सकता है। इसका घरेलू शेयर बाजारों पर व्यापक असर होगा। इसलिए पूरा दिसंबर महीना उतार-चढ़ाव भरा हो सकता है।

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