भोपाल। मध्यप्रदेश की 230 सदस्यों वाली विधानसभा और मिजोरम की 40 सदस्यीय विधानसभा के लिए मतदान सोमवार सुबह शुरू हो गया। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सुबह बुधनी में अपना वोट डालकर अपने मताधिकार का प्रयोग किया। यहां पर आज 4,64,57,724 मतदाता 51 जिलों के 53,896 मतदान केंद्रों पर वोट डालेंगे। इसके साथ ही राजनेताओं का चुनावी भाग्य आज ईवीएम में कैद हो जाएगा। इन चुनावों में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत कुल 2,583 उम्मीदवार खड़े हैं। मिजोरम में मुख्यमंत्री लल थनहवला और उनके 11 मंत्री कांग्रेस के 142 उम्मीदवारों में शामिल हैं। दोनों राज्यों में हो रहे मतदान के लिए पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था की गई है। कई जगहों पर सुरक्षा बलों की अतिरिक्त कंपनियां भी लगाई गई हैं।
मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान बुधनी और विदिशा सीटों से चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस राज्य में 10 साल से सत्ता से बाहर है। भाजपा के दूसरे महत्वपूर्ण उम्मीदवारों में शहरी विकास मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री बाबू लाल गौर (भोपाल की गोविंदपुरा सीट), गृह मंत्री उमा शंकर गुप्ता (भोपाल दक्षिण-पश्चिम) और भाजपा सांसद यशोधरा राजे सिंधिया (शिवपुरी) शामिल हैं। वहीं, कांग्रेस की ओर से विधानसभा में विपक्ष के नेता अजय सिंह, सिधी जिले के चूरहट विधानसभा क्षेत्र से, कांग्रेस के महासचिव और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह गुना जिले के राघोगढ़ विधानसभा क्षेत्र से चुनावी मैदान में खड़े हैं।
मिजोरम के 10 विधानसभा क्षेत्रों में इन चुनावों में पहली बार देश में बड़े पैमाने पर, मतदाताओं को उनके वोट से संबंधित पर्ची मिलेगी। इसके लिए वोट वेरिफियेबल पेपर ऑडिट ट्रायल सिस्टम का इस्तेमाल किया जाएगा। यह मशीन ईवीएम से जुड़ी होंगी। इसके माध्यम से मतदाता इस बात की जांच कर सकेंगे कि वह जिसे मत देना चाहते थे उनका मत उसे ही गया है। मिजोरम की लुंगलेई दक्षिण सीट को छोड़कर बाकी सभी सीटें अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित हैं।
सत्तारूढ़ कांग्रेस और विपक्षी मिजोरम डेमोक्रेटिक एलायंस सभी 40 सीटों पर चुनाव लड़ रही हैं। विपक्षी गठबंधन में एमएनएफ, मिजोरम पीपुल्स कांफ्रेंस और मारालैंड डेमोक्रेटिक फ्रंट शामिल हैं। मिजोरम में करीब 9.9 लाख वोटर आज राजनेताओं के भविष्य को ईवीएम में बंद कर देंगे। वर्ष 2008 में यहां पर आईएनसी के पास 32 सीटें थीं और एमएनएफ ने 3 सीटें जीती थीं। वहीं पांच सीट अन्यों के खाते में गई थी।
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