Thursday 26 December 2013

Gita macroscopic Kalpvriksh



आगरा। राधे-राधे जपे चले आएंगे बिहारी., मेरो प्यारो वृंदावन धाम, जगत में न्यारो वृंदावन धाम. की धुन झूमते श्रद्धालु। मार्ग में बिखरती पीतांबरी छटा और कलश धारण कर चलती महिला श्रद्धालु।

बुधवार को बल्केश्वर के गंगे गौरी बाग स्थित शिवनगर मंदिर से श्रीमद्भागवत कथा के शुभारंभ पर निकाली गई कलश यात्रा में यही नजारा था। मानव सेवा संस्थान द्वारा कराई जा रही श्रीमद्भागवत की कलश यात्रा में 101 महिलाओं ने कलश धारण किए। गंगे गौरी बाग होते हुए कलश यात्रा बल्केश्वर स्थित महादेव मंदिर पहुंची। यहां कलशों में जल भरने के बाद यात्रा पुन: शिवनगर मंदिर पहुंची। कथाव्यास पं. राममूर्ति दीक्षित ने विधि-विधानपूर्वक कलशों की स्थापना कराई। 

भागवत कथा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए पं. राममूर्ति ने कहा कि इसे भगवान का स्वरूप माना जाता है। यह साक्षात कल्पवृक्ष है। यह कथा संसार को माया-मोह के अंधकार से निकालकर प्रकाश की ओर ले जानी वाली और हृदय में भक्ति को जगाने वाली है। 31 दिसंबर तक दोपहर एक से पांच बजे तक प्रवचन होंगे। तेरा साईं तुझमें, जाग सके तो जाग.ज्यों तिल माहि तेल है, च्यों चकमक में आग। तेरा साईं तुझमें, जाग सके तो जाग.। हमारा परमात्मा हमारे अंदर है। ईश्वर ने हमें सुंदर सृष्टि, विभिन्न ऋतुएं और फल-फूल दिए हैं, मगर वह हमसे कुछ नहीं लेते, हमारे कष्ट की वजह हमारी अपनी इच्छा और लालसाएं हैं। ज्ञान यज्ञ का बुधवार को शुभारंभ किया गया। ईश्वर की महिमा बताते हुए संत श्रीनिवास जी महाराज ने ईश्वर भक्ति करने वाला ईष्र्या और घृणा से दूर रहता है। गुरु को उन्होंने साक्षात परब्रह्म बताया। इससे पूर्व संत श्रीनिवास जी का तिलक केशव दीक्षित द्वारा किया गया। हवन में आहूतियां देकर विश्व कल्याण की कामना की गई। यहां 29 दिसंबर तक प्रतिदिन दोपहर 12 से शाम 4 बजे तक प्रवचन होंगे। 

गायत्री शांति पीठ शास्त्रीपुरम में बुधवार शाम दीप झिलमिला उठे। कॉलोनी के ए ब्लॉक स्थित पार्क में जब दीपों से स्वास्तिक, ओम और नववर्ष का स्वागत करतीं आकृतियों ने मोहक दृश्य प्रस्तुत किया। अखिल विश्व गायत्री परिवार द्वारा शांतिकुंज हरिद्वार के तत्वावधान में शास्त्रीपुरम स्थित सिद्धि पीठ मंदिर में नौ कुंडीय यज्ञ बुधवार को आयोजित किया गया। इसमें आंवलखेड़ा से आए टोली नायक बालकदास, सावित्री देवी, दीनदयाल ने गुरुदेव श्रीराम शर्मा आचार्य के बताए मार्ग पर चलने का संदेश दिया। जिससे समाज में व्याप्त भ्रष्टाचार से निजात मिले। दोपहर में हुई बाल संस्कार शाला में शांतिकुंज हरिद्वार की प्रतिनिधि रूही माहेश्वरी ने संस्कारवान बनने पर जोर दिया। उन्होंने उपस्थित लोगों से माता-पिता, परिवार के अन्य सदस्यों, बुजुर्गो और बड़ों से सद्व्यवहार करने और उनकी बात मानने की सीख दी। बच्चों ने माता-पिता की आज्ञा मानने का संकल्प लिया। 


Source : Religion News in Hindi

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