Thursday 31 October 2013

Govt Plan to Raise Tax on Mosquitoes Repellent

mosquitoes


अजय जायसवाल, लखनऊ। डेंगू, मलेरिया, फाइलेरिया जैसी बीमारियों से बचने के लिए मच्छरों को मारना महंगा होने वाला है। राज्य सरकार मच्छरों को मारने में इस्तेमाल किए जाने वाले रेपलैंट, मैट्स, लिक्विड पर टैक्स को तीन गुना करने जा रही है। टैक्स बढ़ाने संबंधी प्रस्ताव को जल्द ही कैबिनेट के समक्ष रखा जाएगा।
वित्तीय संकट से जूझ रही सरकार इन दिनों कमाई बढ़ाने के लिए हर संभव रास्ते तलाश रही है। गौरतलब है कि सरकार की वित्तीय सेहत सुधारने को नगर विकास मंत्री मोहम्मद आजम खां की अध्यक्षता में संसाधन समिति बनी हुई है। सूत्रों के मुताबिक, हाल में हुई संसाधन समिति की बैठक में टैक्स बढ़ाने-लगाने संबंधी कई प्रस्तावों में से समिति ने उन्हें खारिज कर दिया जिनके लागू होने का सीधा असर आम जनता पर पड़ता।
यद्यपि समिति ने मच्छर मारने वाले रेपलैंट, क्वायल, मैट्स व लिक्विड पर टैक्स बढ़ाने संबंधी प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है। इन पर टैक्स को तीन गुना करने का प्रस्ताव है। अभी इन पर चार फीसद वैट व एक फीसद अतिरिक्त कर है। अब इन पर 12.50 फीसद वैट व 1.50 फीसद अतिरिक्त कर प्रस्तावित है। सरकार को इससे तकरीबन 14 करोड़ रुपये अतिरिक्त राजस्व मिलने का अनुमान है।
तेंदू पत्ता पर टैक्स बढ़ाने का प्रस्ताव खारिज : वैसे तो कर राजस्व आय बढ़ाने के लिए वाणिज्य कर विभाग तेंदू पत्ते पर टैक्स को पांच फीसद से 14 फीसद करने के पक्ष में रहा है लेकिन वित्तीय संसाधन समिति ने संबंधित प्रस्ताव खारिज कर दिया है। 

समिति का मानना है कि तेंदू पत्ता का उपयोग उस बीड़ी को बनाने में किया जाता है जिसे निचले तबके के लोग पीते हैं। इसी तरह समिति ने ट्रांसमिशन वायर आदि इलैक्टिकल गुड्स पर टैक्स बढ़ाने को फिलहाल यह कहते हरी झंडी नहीं दी है कि इससे बिजली महंगी होने का असर सामान्य जनता पर पड़ सकता है। व्यावसायिक वाहनों के नवीनीकरण पर ग्रीन टैक्स लगाने संबंधी प्रस्ताव को भी समिति ने नहीं माना है।

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