Tuesday 29 October 2013

Railway Works on low Cost Semi High Speed Trains

Indian Railway

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। ज्यादातर भारतीय सस्ती रेल यात्रा के आदी हैं, जबकि उभरते युवा और संपन्न वर्ग को तेज रफ्तार ट्रेनें चाहिए जिनके लिए वे कोई भी किराया चुकाने को तैयार हैं। लेकिन रफ्तार सभी को चाहिए। लिहाजा भारतीय रेल ने बीच का रास्ता निकाला है। वह दोनों तरह की ट्रेनें चलाएगा। चुनिंदा रूटों पर 300 किलोमीटर से अधिक रफ्तार वाली हाईस्पीड ट्रेनें चलाई जाएंगी। बाकी अधिकांश रूटों को सुधार कर उन पर राजधानी, शताब्दी और दूरंतो को 200 किलोमीटर तक की स्पीड से दौड़ाया जाएगा।

हाईस्पीड ट्रेनों पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का लब्बोलुआब यही है। इसमें दोनों तरह की टेक्नोलॉजी के नफा-नुकसान पर चर्चा से रास्ते निकलेंगे। मंगलवार को सम्मेलन के उद्घाटन के मौके पर रेलमंत्री मल्लिकाजरुन खड़गे ने तेज रफ्तार ट्रेनों के लिए हाईस्पीड रेल कॉरपोरेशन (एचएसआरसी) के गठन का एलान कर दिया। लेकिन साथ ही आगाह किया कि हाईस्पीड का चुनाव भारत के लोगों की जरूरत के हिसाब से होना चाहिए। इसमें कोई जल्दबाजी नहीं की जानी चाहिए।
रेलमंत्री ने कहा, 'हाईस्पीड रेल कॉरपोरेशन का गठन कर हमने शुरुआत की दी है। आगे चलकर इसके सदस्यों, कार्यक्षेत्र वगैरह की घोषणा की जाएगी। लेकिन मैं बताना चाहता हूं कि हमें महज इसलिए घोड़े नहीं खरीद लेने चाहिए, क्योंकि नालें सस्ती मिल रही हैं। अपनी चीज बेचने के लिए कई मर्तबा विकसित देश सस्ते में तकनीकी उपलब्ध कराने का प्रस्ताव देते हैं। हमें सोच-समझ कर फैसला करना चाहिए। भले ही तकनीकी मुफ्त में क्यों न मिल रही हो। क्योंकि विकसित मुल्कों की हाईस्पीड तकनीक हमारे जैसे देश के लिए उपयुक्त नहीं है।'
भारत का प्रयास अपने लोगों को यात्र का किफायती माध्यम उपलब्ध कराने पर रहा है। भारतीय रेलवे दुनिया में यात्री परिवहन का सबसे बड़ा नेटवर्क है। यहां के लोग किफायती रेल यात्रा के अभ्यस्त हैं। वे स्पीड तो चाहते हैं, लेकिन इसके लिए बहुत ज्यादा किराया देने को तैयार नहीं होंगे। इसलिए हमें अपनी जरूरतों के हिसाब से भी हाईस्पीड ट्रेन प्रणाली विकसित करनी चाहिए। इसके लिए मौजूदा रेल ढांचे में जो भी सुधार करना पड़े किया जाना चाहिए। हालांकि, इस दौरान उन्होंने मुंबई-अहमदाबाद हाईस्पीड रेल कॉरीडोर के अध्ययन का जिक्र भी किया। इसमें जापान भारत की मदद कर रहा है। सम्मेलन को संबोधित करते हुए रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अरुणोंद्र कुमार ने कहा हाईस्पीड रेल कॉरपोरेशन का गठन रेल विकास निगम (आरवीएनएल) की सब्सिडियरी के रूप में किया जा रहा है। 

ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने के लिए जो भी जरूरी कदम होंगे, वह इस कॉरपोरेशन के जरिये उठाए जाएंगे। एचएसआरसी के बाद हाईस्पीड रेल अथॉरिटी (एचएसआरए) का गठन भी किया जाएगा। एचएसआरसी और एचएसआरए का कार्य अलग-अलग होगा। अथॉरिटी नीतियां बनाएगी, जबकि कॉरपोरेशन उन्हें लागू करेगा। रेलवे बोर्ड अध्यक्ष के मुताबिक, फिलहाल रेलवे सेमी हाईस्पीड ट्रेनों पर काम कर रही है। इसके तहत राजधानी, शताब्दी, दूरंतो जैसी 120-130 किलोमीटर तक की रफ्तार से चलने वाली ट्रेनों की स्पीड को पहले 160 किलोमीटर और बाद में धीरे-धीरे 200 किलोमीटर तक बढ़ाया जाएगा।


Source- News in Hindi

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