Wednesday 30 October 2013

Kirit Parikh Panel Recommends a Hike of Rs 250 per LPG Cylinder

diesel

नई दिल्ली। चुनावी साल में बड़े आर्थिक सुधारों का जोखिम लेना भले ही सरकार के लिए संभव न हो, लेकिन किरीट एस पारिख समिति ने डीजल व रसोई गैस मूल्यों में एकमुश्त भारी बढ़ोतरी की सिफारिश कर दी है। पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतें तय करने के लिए बनी इस समिति के मुताबिक वक्त की जरूरत के हिसाब से डीजल में पांच रुपये प्रति लीटर और रसोई गैस में 250 रुपये प्रति सिलेंडर की वृद्धि होनी चाहिए।
समिति ने केरोसिन की कीमत में भी एकमुश्त चार रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी का सुझाव दिया है। योजना आयोग के पूर्व सदस्य पारिख ने पेट्रो उत्पादों की कीमत तय करने पर अपनी रिपोर्ट बुधवार को सरकार को सौंप दी। वैसे, इस रिपोर्ट का हश्र क्या होगा, इसे पेट्रोलियम मंत्री वीरप्पा मोइली ने खुद ही साफ कर दिया।
जून, 2013 में समिति गठित करने के समय उन्होंने कहा था, 'पारिख समिति की रिपोर्ट जैसी भी होगी, उसे स्वीकार किया जाएगा।' आज उन्होंने कहा, 'रिपोर्ट पर सरकार विचार करेगी और उचित कार्रवाई करेगी।' यह 'उचित कार्रवाई' कब तक होगी, इसकी समय सीमा भी उन्होंने नहीं बताई। समिति ने डीजल की खुदरा कीमत में एकमुश्त पांच रुपये प्रति लीटर की वृद्धि करने के साथ ही इस पर सब्सिडी की सीमा छह रुपये तय करने की बात कही है। साथ ही एक निर्धारित समय सीमा के भीतर छह रुपये की सब्सिडी को भी धीरे-धीरे खत्म करने की बात कही गई है।
सरकार सैद्धांतिक तौर पर डीजल की कीमत बाजार के आधार पर तय करने का फैसला पहले ही कर चुकी है। अभी हर महीने तेल कंपनियां इसमें पचास पैसे प्रति लीटर की वृद्धि करती हैं। पारिख समिति ने केरोसिन और सब्सिडी वाली एलपीजी में तत्काल बढ़ोतरी की सिफारिश की है। समिति के मुताबिक, कृषि क्षेत्र में विकास दर के बराबर हर साल केरोसिन की कीमत में भी वृद्धि होनी चाहिए। हर परिवार को सालाना मिलने वाली सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेंडर की संख्या मौजूदा नौ से घटाकर वापस छह करने की भी सिफारिश की गई है। समिति रसोई गैस सब्सिडी को अगले दो वर्षो में पूरी तरह से खत्म करने के पक्ष में है।
समिति ने पेट्रोलियम उत्पादों की बिक्री से होने वाले मौजूदा घाटे को साझा करने के मौजूदा तरीके में बदलाव का एक फामरूला सुझाया है। इस बारे में निर्यात कीमत के आधार पर पेट्रो कीमत तय करने का वित्त मंत्रलय का फामरूला खारिज कर दिया गया है। यह दीगर है कि समिति में शामिल रहे वित्त मंत्रलय के सदस्य ने इसका समर्थन नहीं किया है।

Source- News in Hindi

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