Thursday 31 October 2013

Tension and Resentment Dipped in Muzaffarnagar Dehat

Muzaffarnagar riots

मुजफ्फरनगर, जागरण संवाददाता। चार कत्ल के बाद मुजफ्फरनगर के देहात की फिजा में दहशत और गुस्से का माहौल है। हुसैनपुर के जंगल में मारे गए तीनों युवकों को कड़ी सुरक्षा के बीच सुपुर्द-ए-खाक किया गया। इलाके के लोगों ने प्रशासन के सामने पांच मांगे रखीं और इन्हें न पूरा करने पर बुढ़ाना में बड़ी पंचायत की चेतावनी दी। उधर, फुगाना थाने पर दंपती पर हुए हमले में मारी गई रीना का भी अंतिम संस्कार कर दिया गया। डीजीपी ने पूरे घटनाक्रम में पुलिस की चूक मानी है।


बुधवार को मोहम्मदपुर रायसिंह निवासी किसान राजेंद्र पर खेत पर हुए हमले के बाद दो पक्षों में हुई फायरिंग में हुसैनपुर कलां के अमरोज, मेहरबान व अजमल मारे गए थे। इसके बाद इलाके में तनाव फैल गया था। डीजीपी समेत कई आला अधिकारी मौके पर पहुंचे थे। गुरुवार सुबह तीनों युवकों के शव हुसैनपुर कलां के मदरसे में पहुंचते ही भारी भीड़ जमा हो गई।। डीएम, एसएसपी समेत प्रशासनिक अमला मौके पर था, लेकिन ग्रामीणों ने कार्रवाई होने तक शवों को सुपुर्द-ए-खाक करने से इन्कार कर दिया।
आनन-फानन में बुढ़ाना कोतवाली में एक मृतक के परिजन मौहम्मद कैश की तहरीर पर पंद्रह नामजद और दस अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोप है कि खेत में काम करने गए तीन युवकों को इन लोगों ने मौत के घाट उतार दिया। ग्रामीणों ने मुआवजे,एसओ के निलंबन और नौकरी समेत पांच मांगें रखीं। अधिकारियों ने छह दिन में मांग पूरी करने का आश्वासन देकर शवों को सुपुर्द-ए-खाक कराया। पुलिस ने नामजद आठ लोगों को जेल भेज दिया है। डीजीपी अभी भी जिले में हैं।
उधर, थाना फुगाना के गांव लिसाढ़ के राजेंद्र की पत्नी रीना का अंतिम संस्कार कर दिया गया। बुधवार देर शाम शामली से गांव लौट रहे दंपती पर हुए हमले में रीना की मौत हो गई थी। इस मामले में पांच नामजद और दस अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है। ग्रामीणों ने 72 घंटे के भीतर गिरफ्तारी न होने पर बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है। 

Source- News in Hindi

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