Wednesday 30 October 2013

Kareena kapoor Thinks Before Signing any Movie

kareena kapoor

मुंबई। अब कलाकारों की जिम्मेदारी महज फिल्मों तक सीमित नहीं है। उन्हें फिल्म निर्माण व प्रचार-प्रसार में भी अहम भूमिका निभानी पड़ती है। करीना कहती हैं, 'मेरे खयाल से फिल्म के मुख्य कलाकारों के लिए यह बहुत जरूरी हो गया है, क्योंकि फिल्में आजकल मार्केटिंग के बल पर चलती हैं। अब फिल्में डायमंड जुबली या गोल्डन जुबली नहीं मनाती हैं। सिल्वर भी नहीं मनाती हैं। अब तो सौ दिन भी बड़ी मुश्किल से फिल्में चलती हैं। अब तो ऐसा है कि अगर आपका वीकएंड अच्छा निकल गया, तो आप सुरक्षित हो गए। ऐसे में प्रोमोशन करना जरूरी हो जाता है। मैंने तो यह कभी नहीं किया कि सिर्फ एक्टिंग करो और घर जाओ। आखिर, हम अपनी फिल्म का हिस्सा होते हैं। जैसे कि आप मिट्टी का एक पुतला बना रहे हैं। उसे आंखें देना, मुंह देना, एक्सप्रेशन देना.., फिर पूरा पुतला आपको दिखाई देता है। वह आपका कैरेक्टर होता है। सिर्फ एक्ट कर रहे हो, आपको एक सीन दे दिया, कर लिया और आप घर चले गए। ऐसा नहीं है आजकल।
बाउंड स्क्रिप्ट मिलती है। रीडिंग होती है, वर्कशॉप होते हैं। फिल्म की शूटिंग करने से पहले होमवर्क करना पड़ता है। सबसे पहले मैं देखती हूं कि बैनर कैसा है? क्योंकि प्रोड्यूसर बहुत महत्वपूर्ण होता है हर फिल्म के लिए। एक ऐसा प्रोडयूसर, जो अपनी स्क्रिप्ट को कम्पलीट करने की हैसियत रखता हो। यह बहुत जरूरी है। उसके बाद मैं कहानी पढ़ती हूं। देखती हूं कि डायरेक्टर ने क्या खास किया है? डायरेक्टर का बैकग्राउंड बहुत जरूरी है। आखिरकार वही फिल्म का ड्राइवर होता है। जब मुझे लगता है कि ऐसी फिल्म मैं देखना चाहूंगी, तभी मैं स्वीकार करती हूं।'

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