Thursday 31 October 2013

The fastest growing air traffic in India

air traffic

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। अन्य क्षेत्रों का हाल चाहे जो हो, भारत के एविएशन क्षेत्र को देखकर नहीं लगता कि कहीं कोई आर्थिक सुस्ती है। अगस्त की तरह सितंबर में भी घरेलू क्षेत्र में हवाई यात्रियों की संख्या में जैसी बढ़ोतरी हुई है, उससे अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ भी हैरान हैं। इस साल अगस्त में हवाई यात्रियों की संख्या 18.5 फीसद बढ़ी थी। सितंबर में भी इसमें 16.4 फीसद का इजाफा हुआ है। भारतीय हवाई यातायात में यह वृद्धि दुनिया के किसी भी क्षेत्र के मुकाबले सबसे अधिक है।
इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन की ओर से जारी नवीनतम आंकड़ों के अनुसार सितंबर में भारत में हवाई सीटों में भी 5.7 फीसद की वृद्धि दर्ज की गई। परिणामस्वरूप लोड फैक्टर 6.6 बढ़कर 71.5 फीसद हो गया। यह वृद्धि देश में व्याप्त आर्थिक सुस्ती के उलट है। इस तेज बढ़ोतरी की वजह एडवांस बुकिंग पर किरायों में छूट हो सकती है। यह अनुमान कुछ हैरत भरा है, क्योंकि छूट के बावजूद भारत में किरायों का स्तर पिछले साल के मुकाबले काफी ऊंचा है। वार्षिक आधार पर हवाई ट्रैफिक 2012 के मुकाबले 4 फीसद बढ़ा है।

भारतीय एविएशन क्षेत्र के यातायात में यह बढ़ोतरी इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि पिछले साल हवाई यातायात में कमी दर्ज की गई थी। इसके अलावा दुनिया के अन्य क्षेत्रों या देशों के मुकाबले भी यह ज्यादा है। भारत के मुकाबले सितंबर में चीन में हवाई यातायात में केवल 10.6 फीसद की ही बढ़ोतरी हुई है। अमेरिका में 1.4 और ब्राजील में केवल एक फीसद की वृद्धि हुई है। जापान में हवाई यातायात 7.8 और रूस में 12.1 फीसद बढ़ा है। आस्ट्रेलिया में सिर्फ 2.6 फीसद का इजाफा हुआ है।

इस बढ़ोतरी का सबसे ज्यादा फायदा इंडिगो तथा एयर इंडिया को मिला है। सबसे आकर्षक किराया प्रस्तावों के कारण इंडिगो 30.3 फीसद हिस्सेदारी पाकर नंबर एक पर रही। सबसे उचित किरायों के कारण एयर इंडिया 20.3 फीसद बाजार हिस्सेदारी को पार करने में सफल रही। वैसे, यातायात में बढ़ोतरी के बावजूद कई घरेलू एयरलाइनें अपनी पूरी क्षमता का इस्तेमाल करने में विफल रही हैं। मसलन, सितंबर में इंडिगो की 30 फीसद सीटें खाली रहीं। इसकी भरपाई वह अक्टूबर से मार्च के दौरान करने की कोशिश करेगी। स्पाइसजेट का भी जाड़ों में 22 फीसद ज्यादा उड़ानें भरने का इरादा है।

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