Thursday 31 October 2013

Pour the nectar of yoga to worship at this time Dhanteras Lakshmi

Dhanteras

इलाहाबाद। लक्ष्मी प्राप्ति की कामना करने वाले साधकों की हर इच्छा पूरी होगी। कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी शुक्रवार को धनतेरस से शुरू हो रहे पंचदीप पर्व पर ग्रह नक्षत्रों की स्थिति काफी अनुकूल है। आचार्य अविनाश राय बताते हैं कि पंचदीप पर्व का हर दिन भक्तों के लिए खास है। 

पंचदीप पर्व की शुरुआत हस्त नक्षत्र व अमृत योग से हो रही है, इसमें यम-नियम से मां लक्ष्मी का स्मरण करने से भक्तों के घर से दरिद्रता दूर होने के साथ धन-धान्य की बढ़ोत्तरी होगी।
धनतेरस में मिलेगी सुख समृद्धि- कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी एक नवंबर शुक्रवार को है। शुक्र सुख व समृद्धि का परिचायक है। अमृत योग व हस्त नक्षत्र इसके महत्व को बढ़ाते हैं। शुक्रवार की दोपहर 1.16 से 2.49 बजे तक कुंभ की स्थिर लग्न एवं शाम को 6.04 से रात 8.01 बजे तक वृष की स्थिर लग्न रहेगी। इस दिन सायंकाल सूर्यास्त से दो घंटे 24 मिनट तक व्याप्त प्रदोषकाल में पूजा-अर्चना और दीपदान करने से लक्ष्मी प्रसन्न होकर भक्तों पर कृपा करती हैं।

एक नवंबर को कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि सूर्योदय से रात्रि में 9.34 बजे तक रहेगी। अत: धनतेरस की पूजा और खरीदारी का शुभ मुहूर्त भी रात्रि 9.34 बजे तक रहेगा, क्योंकि इसके बाद चतुर्दशी तिथि लग जाएगी। धनतेरस से भगवती लक्ष्मी के स्वागतार्थ घर में दीपमालिका एवं अखंड दीपक जलाना चाहिए। इससे धन की अधिष्ठात्री संतुष्ट होकर आर्थिक समृद्धि प्रदान करती हैं। 

शुक्रवार के दिन धनतेरस होने के कारण इसका महत्व लक्ष्मी पूजा में अत्यंत बढ़ गया है। शुक्रवार को त्रयोदशी तिथि के साथ हस्त नक्षत्र का महासंयोग होने से दुर्लभ गजलक्ष्मी योग बन रहा है। इस योग में लक्ष्मी-पूजन अत्यंत शुभ फलदायक रहेगा। 

शनि के दुष्प्रभाव से मुक्ति - कार्तिक कृष्णपक्ष की नरक चतुर्दशी शनिवार को हनुमत जयंती भी होगी। यह शनि के दुष्प्रभाव से ग्रसित लोगों के लिए काफी कल्याणकारी रहेगी। इस दिन व्रत रखकर सुंदरकांड, हनुमान चालीसा का पाठ करके सिद्ध मंदिर में स्थित हनुमान जी की प्रतिमा पर देशी घी में सिंदूर लगाने से साधकों को शनि की साढ़े साती, ढैया जैसे प्रभावों से निजात मिलेगी।
लुम्बक योग पूरी कराएगा कामना- कार्तिक कृष्ण पक्ष की अमावस्या रविवार को दीपावली मां लक्ष्मी, गणोश के स्मरण के साथ कामना सिद्धि का पर्व है। रविवार का मालिक सूर्य है जो शनि के साथ तुला राशि पर रहेगा। इनके साथ राहु, बुद्ध व चंद्रमा भी रहेंगे।
सौभाग्य की होगी प्राप्ति- कार्तिक शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा पर गोवर्धन पूजा (अन्नकूट) होगी। इसमें सूर्यास्त से पहले गाय के गोबर का पर्वत बनाकर पूजन करने का विधान है। सोमवार की शाम 5.14 तक प्रतिपदा तिथि एवं विशाखा नक्षत्र रात 11.35 बजे तक रहेगा। दोनों के संयोग से 'सौभाग्य' नामक अद्भुत योग बन रहा है, जो दिनभर रहेगा। सच्चे हृदय से ध्यान, पूजन करने वालों की हर इच्छा पूरी होगी।

अकाल मृत्यु से मिलेगी मुक्ति- कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया भैयादूज का पर्व मंगलवार को है। इस दिन दोपहर 3.28 बजे तक द्वितीया तिथि रहेगी। सुबह बहनें यमुना में डुबकी लगाकर यथासंभव दान करें। फिर दोपहर 3.28 बजे के अंदर अगर भाई के माथे पर तिलक लगाकर नारियल से बलाएं उतारेंगी तो उन्हें अकाल मृत्यु से मुक्ति मिलेगी। इस दिन चित्रगुप्त की पूजा करने से मां सरस्वती का आशीर्वाद मिलता है।

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