Thursday 31 October 2013

Patna Serial Blasts Suspect re Arrested in Kanpur

Patna serial blast

पटना [जागरण टीम]। 27 अक्टूबर को राजधानी पटना में नरेंद्र मोदी की रैली के दौरान सीरियल ब्लास्ट को अंजाम देने वाले आतंकी तबिश नियाज उर्फ अरशद ने लोकल कनेक्शन के बल पर गांधी मैदान व आसपास इलाके की रेकी की थी। इस दौरान वह 8 व 9 अक्टूबर को पटना में सांख्यिकी विभाग के सहायक निदेशक इजराइल नफीस [पुलिस की ओर से कोर्ट में सौंपे कागजात के मुताबिक] के आवास में ठहरा था। तबिश, नफीस के लड़के सद्दाम हुसैन का दोस्त है। इसी दौरान वह सांख्यिकी अफसर के घर रुका का था।
वहीं गुरुवार को मुजफ्फरपुर के लॉज से एनआइए टीम की आंखों में धूल झोंककर भाग निकले बोधगया के महाबोधि मंदिर और पटना में हुंकार रैली के दौरान हुए विस्फोटों के आरोपी इंडियन मुजाहिदीन के सदस्य मेहरे आलम को एनआइए ने कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर ट्रेन में दबोच लिया। उधर दिल्ली में मेहरे के फरार होने की खबर पर एनआइए ने दावा किया कि मेहरे बोधगया धमाकों का आरोपी नहीं बल्कि गवाह है। उसे नोटिस देकर बुलाया गया था। वहीं ब्लास्ट की जांच का जिम्मा एनआइए ने गुरुवार को विधिवत संभाल लिया। एजेंसी द्वारा जांच लिए जाने संबंधी पत्र भी पुलिस मुख्यालय को उपलब्ध हो गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे से मिलकर इस आशय का अनुरोध किया था।
इधर पटना पुलिस ने सीरियल ब्लास्ट में वांछित चार हार्डकोर आतंकियों की गिरफ्तारी के लिए राजधानी व आसपास के जिलों में उनकी तस्वीरें चौक-चौराहों व गलियों में टांगने का निर्णय लिया है। ताकि उन्हें जल्द से जल्द दबोचा जा सके। पूछताछ में गिरफ्तार आंतकियों ने बताया है कि गोधरा और बाबरी विध्वंस की सीडी उन्हें दिखाई गई थी जिसके बाद उन्होंने आइएम से जुड़ने का फैसला किया था। जानकारी के अनुसार गुरुवार को एनआइए इंस्पेक्टर बीबी पाठक ने मेहरे के फरार होने के संबंध में मुजफ्फरपुर के नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई। मेहरे गांधी मैदान ब्लास्ट के मास्टरमाइंड तहसीन उर्फ मोनू एवं हैदर का खास है। माना जा रहा है कि तहसीन व हैदर की जानकारी उसी के पास थी। वहीं मेहरे के फरार होने की सूचना को काफी गोपनीय रखा गया था। 

सूत्रों के अनुसार गुरुवार की दोपहर 2.40 बजे पटना से आई एक ट्रेन कानपुर सेंट्रल स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर-एक पर रुकी और पांच मिनट बाद दिल्ली के लिए रवाना हो गई। स्टेशन पर पहले से मुस्तैद एनआइए के अधिकारी उस कोच में चढ़े जिसमें मेहरे था। उसने अपना हुलिया भी बदला हुआ था, हालांकि एनआइए के अधिकारियों ने उसे पहचान लिया। यात्रियों के बीच बैठे मेहरे को एनआइए के एक अधिकारी ने अपना परिचय दिया और किसी भी हरकत पर अंजाम भुगतने की चेतावनी दी। खुद को घिरा पाकर उसने कोई हरकत नहीं की। यात्रियों को किसी तरह की असुविधा न हो इसके लिए अधिकारियों ने उसे पूरी तरह कवर करने के बाद दबोच लिया। पनकी स्टेशन के पास चेन पुलिंग कर उसे अधिकारियों ने उतार लिया और दूसरी ट्रेन से दिल्ली ले गए। 

गौरतलब है कि दिल्ली में आरोपी के फरार होने की खबर पर देर शाम एनआइए ने दावा किया कि मेहरे बोधगया धमाकों का गवाह है और उसे पटना धमाकों के पहले ही 23 अक्टूबर को नोटिस भेजकर गया बुलाया गया था। उसे 29 अक्टूबर को बोधगया पहुंचना था, लेकिन पटना में एनआइए टीम की मौजूदगी देखकर वह वहीं मिलने चला आया। इसके बाद एनआइए उसे लेकर मुजफ्फरनगर के मीरपुर गांव में संदिग्ध आतंकी हैदर अली की तलाश में पहुंची। हैदर के नहीं मिलने पर मेहरे टीम के साथ ही रुका था, लेकिन अचानक किसी बहाने लॉज छोड़कर चला गया। 

आधिकारिक जानकारी के अनुसार स्थानीय स्तर पर सहयोग के लिए तीन अधिकारियों की मांग एनआइए ने पुलिस मुख्यालय से की थी। इस बाबत पुलिस मुख्यालय ने दो डीएसपी व एक इंस्पेक्टर की सेवा पटना सीरियल ब्लास्ट जांच के लिए उपलब्ध करा दी है। आला पुलिस अफसरों ने बताया कि ब्लास्ट के संबंध में एनआइए थाने में दो प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। एक पटना जंक्शन के प्लेटफार्म नंबर 10 पर तथा दूसरी गांधी मैदान व उसके इर्द-गिर्द हुए धमाके के संबंध में दर्ज की जाएगी। एनआइए में तैनात आइजी स्तर के एक अधिकारी इन दिनों सीरियल ब्लास्ट के सिलसिले में राजधानी में कैंप कर रहे हैं। एनआइए ने पटना में कैंप आफिस शुरू किए जाने की योजना पर भी काम आरंभ कर दिया है। पुलिस मुख्यालय के आला अधिकारियों ने बताया कि वैसे इस संबंध में एनआइए की ओर से कोई लिखित सूचना नहीं दी गयी है। वहीं पुलिस मुख्यालय से मिली जानकारी के अनुसार ब्लास्ट के सिलसिले में दबोचे गए आतंकियों से हुई पूछताछ की वीडियो रिकार्डिग करायी गई है। एनआइए को वे वीडियो टेप भी उपलब्ध करा दिए जाएंगे।

Source- News in Hindi

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