Tuesday 29 October 2013

India, Pak Agree to Observe Calm Along International Border


India

जागरण न्यूज नेटवर्क, जम्मू। एक बार फिर पाकिस्तान का दोहरा चेहरा सामने आ गया। मंगलवार को जहां आरएसपुरा में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तानी रेंजर्स ने भारत के साथ फ्लैग मीटिंग में शांति बहाली पर सहमति जताई, वहीं इससे पहले पाकिस्तानी सेना ने पुंछ सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ करवाने के लिए भारतीय चौकियों पर गोलियां भी बरसाई। भारतीय सेना ने जवाबी कार्रवाई कर घुसपैठ नाकाम बना दिया।
अंतरराष्ट्रीय सीमा पर 12 दिनों तक भारी गोलीबारी करने के बाद पाकिस्तान सीमा पर शांति कायम रखने के लिए राजी हो गया है। 

अलबत्ता वह पिछले दिनों सीमा पर संघर्ष विराम के उल्लंघन, भारतीय चौकियों और जवानों को निशाना बनाने से साफ मुकर गया। कई दिनों के प्रयास के बाद आरएसपुरा में अंतरराष्ट्रीय सीमा की आक्ट्राय पोस्ट पर हुई सेक्टर कमांडर स्तर की फ्लैग मीटिंग में सहमति बनी कि दोनों ओर धान की कटाई करने वाले किसानों पर गोलीबारी नहीं की जाएगी। साथ ही, त्योहारों पर मिठाई का आदान-प्रदान भी होगा। अगर गोलीबारी होती है तो फौरन फ्लैग मीटिंग कर मामला सुलझाया जाएगा। 

मीटिंग में 16 सदस्यीय बीएसएफ के दल ने पाकिस्तानी गोलाबारी के लिए कड़ी आपत्ति भी दर्ज करवाई। इससे पहले सुबह करीब पांच बजे पाकिस्तानी सेना ने पुंछ जिले के बीजी, गंभीर, मेंढर व बालाकोट सेक्टरों में गोलीबारी शुरू की। गोलीबारी में सीमा पर कोई नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन तनाव बना हुआ है।

सबसे लंबी बैठक 

यह सीमा पर अब तक की सबसे लंबी फ्लैग मीटिंग बताई जा रही है। सुबह साढ़े 11 बजे शुरू होकर ढाई बजे तक चली बैठक में भारतीय दल का नेतृत्व डीआइजी जम्मू जगदीश चंद्र सिंघला ने किया। पाकिस्तान रेंजर्स की ओर से बैठक में सियालकोट सेक्टर कमांडर ब्रिगेडियर मतीन व अन्य रैंक के चौदह अधिकारियों ने हिस्सा लिया। सूत्रों के अनुसार, बैठक के दौरान पाकिस्तान ने भारतीय जवानों को स्नाइपर गन से निशाना बनाने के आरोप को निराधार करार दिया। 

दो मुख्य मुद्दों पर बातचीत 

पत्रकारों से बातचीत में डीआइजी सिंघला ने बताया कि हमेशा की तरह पाकिस्तान ने मनाने से इन्कार कर दिया कि उनकी ओर से गोलाबारी हुई है। पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ मुख्य दो मुद्दों पर बातचीत हुई है। पहला सीमा पर गोलीबारी बंद कर दोनों ओर के किसानों को जीरो लाइन तक खेती करने देना और दूसरा सीमा पर उगे सरकंडे व झाड़ियों को साफ करना। अक्सर इनकी आड़ में गोलीबारी होती है। उन्होंने सीमांत किसानों से अपील की कि वे बिना किसी डर के अपने खेतों में जाकर खेती करें। 

 Source- News in Hindi

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