राजू सजवान, नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव में महंगाई और भ्रष्टाचार सबसे बड़ा मुद्दा रहेगा। इसके साथ ही महिलाओं की सुरक्षा, दिल्ली के स्थानीय मुद्दे जैसे बिजली की बढ़ती दरें, पानी और आवास की कमी भी हावी रहेंगे।
दिल्ली के विकास का दावा कर रही कांग्रेस की कोशिश है कि महंगाई चुनाव का मुद्दा न बने। पार्टी नेताओं का तर्क है कि वैश्विक स्तर पर बढ़ी महंगाई का राज्य सरकार से वास्ता नहीं है। यह बात अंदरखाने भाजपा नेता भी मानते हैं, लेकिन उनकी कोशिश है कि इस मुद्दे पर दिल्ली सरकार के बजाय कांग्रेस को खींचा जाए। भ्रष्टाचार के मुद्दे पर शीला सरकार को घेरने की कोशिश में जुटी भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी तक दिल्ली सरकार पर निशाना साध चुके हैं कि राष्ट्रमंडल खेलों में हुए भ्रष्टाचार में दिल्ली सरकार भी शामिल थी। जबकि राष्ट्रमंडल खेलों में हुए घोटाले की सबसे पहले एफआइआर दर्ज कराने के लिए शिकायत करने वाले आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल तो भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कांग्रेस के साथ-साथ भाजपा को भी लपेट रहे हैं। वह भाजपा शासित दिल्ली नगर निगम में भी भ्रष्टाचार को मुद्दा बना रहे हैं।
तीसरा बड़ा मुद्दा दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा का है। पिछले साल वसंत विहार सामूहिक दुष्कर्म की वारदात के बाद से यह मुद्दा बेहद अहम है। लेकिन राष्ट्रीय राजधानी होने के कारण दिल्ली पुलिस राज्य सरकार के अधीन न होने के कारण कोई भी दल इस मुद्दे का कोई ठोस समाधान लोगों के समक्ष नहीं रख पा रहा है।
भाजपा कहती है कि इसके लिए दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाया जाएगा, लेकिन पूर्ण राज्य का दर्जा मिलना इतना आसान नहीं है। ऐसे में अरविंद केजरीवाल महिलाओं के लिए विशेष सुरक्षा दस्ता बनाने की बात कर रहे हैं। बिजली की दरों का मुद्दा भी अहम है। इस मुद्दे पर पहले आप ने 30 फीसद दरें कम करने का वादा किया तो भाजपा ने भी 30 फीसद कम करने का वादा कर दिया। अब आप ने 50 फीसद कम करने का वादा कर दिया है। जहां तक बिजली आपूर्ति में सुधार की बात है तो यह सभी मानते हैं कि पिछले वर्षो में आपूर्ति में सुधार जरूर हुआ है। बाहरी दिल्ली, पश्चिमी दिल्ली व दक्षिणी दिल्ली की कम से कम 30 सीटें ऐसी हैं, जहां पानी बहुत बड़ा मुद्दा है। इन विधानसभा क्षेत्रों में पानी कई-कई दिन तक नहीं आता, जहां आता भी है तो गंदा आता है। इस मुद्दे पर किसी भी दल के पास ठोस समाधान नहीं है।
हालांकि, आम आदमी पार्टी हर माह 20 किलोलीटर पानी मुफ्त देने की बात कह कर लोगों का ध्यान जरूर खींच रही है। अनधिकृत कॉलोनियों का नियमितीकरण फिर एक बड़ा मुद्दा है। सरकार के दावों के बावजूद सैकड़ों कॉलोनियां नियमित नहीं हो पाई हैं। जो कागजों में नियमित हो गई हैं, वहां अब तक रजिस्ट्री बंद है। ऐसे में भाजपा और आम आदमी पार्टी यहां के लोगों को समझाने की कोशिश कर रही है कि उन्हें बरगलाया जा रहा है। जबकि इस बात से इन्कार नहीं किया जा सकता है कि कागजों पर ही सही, नियमित होने के बाद इन इलाकों में जमीन की कीमत करोड़ों में पहुंच गई है।
Source: News in Hindi
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