Friday 16 August 2013

Kedargati Disaster: After 60 Days Not Change in Situation


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देहरादून [दिनेश कुकरेती]। आपदा को आए 60 दिन बीत गए लेकिन केदारघाटी के हालात अब भी बिल्कुल वैसे ही हैं, जैसे तबाही छोड़ गई थी। संपर्क मार्ग और पैदल रास्तों की छोड़िए, केदारनाथ हाइवे तक इन 60 दिनों में छह किलोमीटर से आगे नहीं खुल पाया। लोग अब भी जान हथेली पर रखकर घरों से बाहर निकल रहे हैं। बारिश के साथ पहाड़ों से बरस रही मौत कब सफर को 'आखिरी' बना दे, कहा नहीं जा सकता। अब तो केदारघाटी में कोई सुध लेने वाला भी नजर नहीं आता। लगता है केदारनाथ में मंदिर की सफाई के साथ सरकार की सारी जिम्मेदारियां पूरी हो गई।

यह ठीक है कि जलप्रलय में तबाह हो चुकी केदारघाटी में जीवन को पटरी पर लौटाना बहुत बड़ी चुनौती है, लेकिन इतनी भी नहीं कि हम 60 दिन में 60 कदम भी न बढ़ पाएं। अफसोसनाक हकीकत यही है। रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाइवे तबाही के बाद जिस हाल में था, अब भी कमोबेश वैसा ही है। रुद्रप्रयाग से चंद्रापुरी पहुंचने के लिए विजयनगर से गवनी के बीच 'खोला' गया हाइवे कदम-कदम पर मौत को निमंत्रण दे रहा है। अगस्त्यमुनि निवासी चंद्रमोहन नैथानी बताते हैं कि जरा सी बारिश होने पर विजयनगर से आगे का सफर किसी भी पल आखिरी सफर साबित हो सकता है। 15 दिन के अंतराल में दो वाहन यहां मंदाकिनी की लहरों में समा चुके हैं।
नैथानी के अनुसार आपदा के बाद मयाली से गंगानगर तक जैसे-तैसे लोगों का जीवन चल रहा था, वह उम्मीद भी इस रास्ते के बंद होने से खत्म हो चुकी है। गंगानगर से पठालीधार-चामी तक की खड़ी चढ़ाई पैदल तय कर ही नाल तक पहुंचा जा सकता है। लेकिन, यहां से भी गुप्तकाशी आप सीधे एक ही वाहन से नहीं पहुंच सकते। जगह-जगह रास्ता खत्म होने से टुकड़ों-टुकड़ों में ही वाहन चल रहे हैं। भीरी निवासी कुशलानंद मिश्रा बताते हैं कि रास्ते न खुलने से घाटी में जीवन दूभर होने लगा है। खाद्यान्न, रसोई गैस, मिट्टी तेल कुछ भी नहीं पहुंच रहा। धारगांव निवासी डॉ. मदन मोहन सेमवाल कहते हैं कि सरकार ने केदारनाथ में पूजा का दिन तो तय कर दिया, लेकिन केदारनाथ की जिस प्रजा के लिए यह पूजा होनी है, उसे बदहाली से उबारना भी तो उसकी जिम्मेदारी थी। लेकिन, यहां तो पूरी केदारघाटी को ही नियति के हवाले छोड़ दिया गया है। 

आपदा के बाद की तस्वीर
-रुद्रप्रयाग जनपद में अब भी 21 मार्ग मलबे से अवरुद्ध हैं
-चमोली जनपद में 67 मार्ग मलबा आने से अवरुद्ध
-रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाइवे गवनी से आगे बंद
-कुंड-कालीमठ मार्ग बंद
-चमोली में ऋषिकेश-बदरीनाथ राजमार्ग पाताल गंगा, पागलनाला, टगणी, पैनी व कमेड़ा में बंद
-गोपेश्वर-पोखरी मार्ग हाफला में बंद
-उत्तरकाशी में ऋषिकेश-यमुनोत्री राजमार्ग वाडिया व फेडी में अवरुद्ध
-उत्तरकाशी में ऋषिकेश-गंगोत्री राजमार्ग नालूपानी में अवरुद्ध
-उत्तरकाशी में धरासू-बड़कोट व डामटा-देहरादून मार्ग अवरुद्ध
-गढ़वाल मंडल में 27 पेयजल योजनाएं ठप
-आपदा में क्षतिग्रस्त 471 मार्गो पर अब भी आवाजाही ठप
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60 दिन में हुए कार्य
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-क्षतिग्रस्त 233 पेयजल योजनाओं में से 198 पर अस्थाई रूप से जलापूर्ति शुरू
-2271 में से 1800 मार्गो पर अस्थाई रूप में यातायात बहाल
-4200 में 3878 गांव अस्थाई रूप में सड़क संपर्क से जुड़े
-प्रभावित 3758 में से 3741 गांवों में विद्युत आपूर्ति बहाल 

Original Found Here.. http://www.jagran.com/news/national-kedargati-disaster-after-60-days-not-change-in-situation-10649707.html

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