Friday 16 August 2013

Nehru Permitted CIA Spy Planes To Use Indian Air Base


Nehru permitted

वाशिंगटन। 1962 की लड़ाई में मिली हार के बाद चीन के इलाकों की निगरानी करने के लिए भारत ने अमेरिकी खुफिया विमानों यू-2 को ईधन भरने के लिए अपने एक एयर बेस के इस्तेमाल की इजाजत दी थी। मामला उड़ीसा स्थित चारबतिया सैन्य हवाई अड्डे से जुड़ा है। अमेरिकी खुफिया दस्तावेजों से यह सच्चाई उजागर हुई है।

विक्रांत के आने से घबराया चीन
अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआइए से सूचना संबंधी कानून के तहत प्राप्त गोपनीय दस्तावेजों के आधार पर स्वतंत्र राष्ट्रीय सुरक्षा अभिलेखागार ने शुक्रवार को यह खुलासा किया। गोपनीय सूची से हटाए गए इन दस्तावेजों के अनुसार, तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने 11 नवंबर 1962 को यू-2 विमानों को चीन से लगते सीमावर्ती क्षेत्रों में उड़ान की मंजूरी दी थी। इसके बाद 3 जून 1963 को अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ केनेडी और भारतीय राष्ट्रपति एस राधाकृष्णन के बीच मुलाकात हुई थी।

भारत और चीन के बनते बिगड़ते रिश्तों के कुछ रोचक क्षण
इस बैठक में द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद से खाली पड़े उड़ीसा के चारबतिया एयरबेस के इस्तेमाल पर सहमति बनी थी। लेकिन एयरबेस को दुरुस्त करने में उम्मीद से बहुत ज्यादा समय लग गया। इस वजह से थाईलैंड के तखली से अभियान को शुरू किया गया।

चार सौ पन्नों की रिपोर्ट में वर्ष 1954 से वर्ष 1974 तक के अमेरिकी खुफिया कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी दी गई है। यू-2 मिशन इस कार्यक्रम का हिस्सा था। मई 1964 में नेहरू की मृत्यु के कारण अमेरिकी अभियान को चारबतिया से बंद कर दिया गया था। लेकिन दिसंबर 1964 में चीन-भारत सीमा पर तनाव बढ़ने पर चारबतिया एयरबेस का इस्तेमाल किया गया। उस समय अमेरिका ने तीन सफल अभियानों को संचालित किया। रिपोर्ट में बताया गया है कि एशिया में इन वर्षो में अमेरिकी खुफिया अभियान का मुख्य अड्डा थाईलैंड का तखली बन गया था। जबकि चारबतिया का अग्रिम अड्डे के रूप में इस्तेमाल किया गया। इस बेस को वर्ष 1967 में फिर बंद कर दिया गया था।

रिपोर्ट में बताया गया है कि अक्टूबर 1962 में चीन की सेना के आक्रमण के बाद भारत ने अमेरिका से सहायता की अपील की थी। उस समय भारत में तत्कालीन अमेरिकी राजदूत जॉन केनेथ गालब्रेथ ने भारत को विवादित इलाकों में चीनी सेना के घुसपैठ की सटीक तस्वीर उपलब्ध कराने का सुझाव दिया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत को अमेरिका दो कारणों से सीमाओं की फोटोग्राफी सुविधा देने को तैयार हुआ था। पहला, अमेरिका विवादित क्षेत्र की स्पष्ट तस्वीर के बारे में जानना चाहता था। दूसरा, उसका उद्देश्य भारत में स्थाई बेस हासिल करने का था।

Original Found Here... http://www.jagran.com/news/world-nehru-permitted-cia-spy-planes-to-use-indian-air-base-10650874.html

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