Wednesday 21 August 2013

Not True Fantasy Experience After Death


After death

वाशिगटन। लोगों के मौत के मुंह से निकलकर आने के अनुभव बहुत ही आश्चर्यजनक लगते हैं। लगभग मर कर वापस जीवित हुए लोगों ने अक्सर अपनी अंतिम यात्रा की शुरूआत में एक लंबी सुरंग के अगले सिरे पर तेज रोशनी देखी होती है। लेकिन इन अनुभवों को अब तक केवल कल्पना करार दिया जाता रहा है। ऐसा पहली बार है कि वैज्ञानिकों ने इसे वैज्ञानिक कसौटी पर कसकर एकदम असली करार दिया है। यानी मौत के बाद के सफर की झलक की जानकारी जो मानवजाति को है वह जीवविज्ञान के तहत भी सही है। इंसान के मौत के करीब के इन अनुभवों को पहली बार वैज्ञानिकों ने चूहों पर प्रयोग करके साबित कर दिया है कि मरते हुए चूहे की दिमागी गतिविधियों से साफ है कि मौत के बाद के सफर पर कुछ रोशनी पड़ सकती है। मिशिगन यूनिवर्सिटी के शोध के अनुसार जो लोग कार्डिएक अरेस्ट (हृदयगति अचानक रुकने) के बाद भी जीवित बच जाते हैं उन लोगों पर गहन अध्ययन करके इस सच्चाई को परखा जा सकता है। शोध में पाया गया कि चिकित्सकीय रूप से मृत घोषित किये जाने के बाद यानी हृदयगति रुकने, दिमाग तक रक्त का संचार बंद होने के बाद भी इन चूहों में चेतन प्रत्यक्षीकरण के विभिन्न प्रतिमानों की गतिविधिया देखी गईं। शोधकर्ता जिमो बोरजीगिन ने बताया कि ये शोध पशुओं पर आजमाया गया है। ताकि ये पता चले कि मरते हुए दिमाग के तंत्रिका-जीवविान की गतिविधिया क्या होती हैं। उन्होंने बताया कि कार्डिएक अरेस्ट के बाद जीवित बचने वाले 20 फीसद लोगों ने बताया कि उन्होंने तेज रोशनी देखी। चिकित्सकीय रूप से मृत घोषित लोगों ने मौत के बाद के सफर के अनुभव बाटे हैं। उनके उन अनुभवों के दौरान उनका दिमाग मरता जा रहा था। इन दृश्यों और देखने के नजरियों को असली से ज्यादा असलियत वाला पाया गया। उन्होंने बताया कि अगर मौत के मुंह में जाते हुए तंतुओं के जरिए दिमागी गतिविधि होती है तो दिमाग के अगले हिस्से में रक्त का संचार रुकने के बावजूद इंसानों और जानवरों में तंत्रिका संबंधी चेतना बनी रहती है। अनुसंधानकर्ताओं ने मस्तिष्क की गतिविधियों की रिकार्डिग इलेक्ट्रोइनसीफालोग्राम से किया। चूहों को कार्डिएक अरेस्ट होने के बाद इसके नतीजों का विश्लेषण किया गया। कार्डिएक अरेस्ट के पहले तीस सेकेंड बाद उन्होंने रोशनी दिखने जैसी उलेजना दिखाई और उसके बाद उनका दिमाग एकाएक बहुत उद्दीप्त लगा।

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