Tuesday 20 August 2013

Mahesh Celebrate Raksha Bandhan With His 12672 Sisters


rakshabandhan

शिवप्रताप सिंह जादौन, मुरैना। एक तरफ जहां रिश्ते कच्चे धागे की तरह टूट रहे हैं, वहीं मुरैना के खड़ियाहार गांव के महेश की कलाई पर रक्षाबंधन के दिन धागा बांधने की जगह तक नहीं बचती। धागों की इस डोर ने उन्हें अब तक 12,672 बहनों का भाई बना दिया है।

ये वे बहनें हैं, जिनका कोई भाई नहीं है। महेश के पास देशभर से हर साल करीब 11 हजार से अधिक राखियां भी आती हैं। रक्षाबंधन के दिन तो उनके घर में पैर रखने की जगह तक नहीं बचती। रिश्तों को निभाने में महेश मामा भी पीछे नहीं हटते। अब तक उन्होंने लगभग 5,700 भानजियों की शादी में भात (शादी के मंडप में मायके पक्ष की ओर से दिया जाना वाला सामान) भी दे चुके हैं। अब तो लोग उन्हें महेश मामा कह कर बुलाते हैं। इन सब का खर्चा वे अपनी हैंडपंप पार्ट्स की दुकान और वर्कशॉप से निकालते हैं।

ऐसे मिली प्रेरणा56 वर्षीय महेश मामा कहते हैं कि जब वे 21 साल के थे तो उन्होंने अपने पास के गांव पाय के पुरा में दो महिलाओं को मुंहबोली बहन बनाया। वे देखते थे कि कई महिलाएं अपनी बेटियों की शादी के समय इसलिए दुखी होती थीं, क्योंकि हिंदू रिवाज के अनुसार बेटी की शादी में भात लाने के लिए उनका कोई भाई नहीं था। बस फिर क्या था महेश ने ठान लिया कि वे ऐसी महिलाओं के भाई बनेंगे, जिनके भाई नहीं हैं। वे शहरों व गांवों में होने वाले धार्मिक आयोजनों में जाकर घोषणा करते हैं कि जिन बहनों का कोई भाई नहीं, वे उन्हें अपना भाई मानें। बहनें मामा का तिलक कर उन्हें भाई बना लेती हैं। (नई दुनिया)

Original Found Here.. http://www.jagran.com/news/national-mahesh-celebrate-raksha-bandan-with-his-12672-sisters-10658550.html

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